कबीरधामछत्तीसगढ़

कवर्धा पंडरिया :- जल जीवन मिशन में लापरवाही का रेगिस्तान 175 लाख की योजना वर्षों से अधूरी अधिकारी मौन।

कवर्धा पंडरिया :- जल जीवन मिशन में लापरवाही का रेगिस्तान 175 लाख की योजना वर्षों से अधूरी अधिकारी मौन।

वनांचल क्षेत्र दमगढ़ पंचायत आश्रित ग्राम अमेरा में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना, जिसका उद्देश्य हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है, वह कबीरधाम जिले के पंडरिया ब्लॉक के ग्राम अमेरा में लापरवाही का प्रतीक बन गई है।
175.02 लाख रुपए की स्वीकृति मिलने के बावजूद आज तक न टंकी पूरी हुई, न पाइपलाइन बिछी, और न ही एक भी घर में नल से पानी पहुंचा।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि काम काफी धीमी गति से चल रहा था और पिछले 20 दिनों से पूरी तरह बंद पड़ा है।

मजदूर लौटे, ठेकेदार गायब —
मटेरियल के अभाव में रुका काम
जानकारी के अनुसार, टंकी का निर्माण बिहार के मजदूरों द्वारा किया जा रहा था, लेकिन ठेकेदार द्वारा समय पर निर्माण सामग्री उपलब्ध न कराए जाने के कारण सभी मजदूर काम छोड़कर लौट गए। वर्तमान में टंकी का निर्माण अधूरा है, वहीं विभाग ने अब तक स्थल पर बोरिंग भी नहीं कराई है।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि वहां पानी का स्तर कम हुआ या बोरिंग असफल रही, तो शासन के लाखों रुपये मिट्टी में समा जाएंगे।

दो ठेकेदार — दो अधूरे कार्य, और शून्य जवाबदेही

योजना के अंतर्गत टंकी निर्माण और पाइपलाइन बिछाने/नल कनेक्शन के कार्य दो अलग-अलग ठेकेदारों को सौंपे गए हैं। लेकिन दोनों कार्य अधूरे और बंद अवस्था में हैं।

सूचना पटल पर यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि कार्य को कब तक पूरा किया जाना है, जो परियोजना की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

ग्रामीणों की पीड़ा — “कागजों में जल, जमीन पर प्यास”
गांव के लोग बताते हैं कि योजना की शुरुआत में बड़ी उम्मीदें थीं, परंतु आज “न टंकी में पानी है, न नल में।”
ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत की जांच की मांग की है और कहा है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो यह योजना “जनता के विश्वास की हत्या” बन जाएगी।

केंद्र की महत्वाकांक्षा पर सवाल
केंद्र सरकार की बहुउपयोगी नल जल योजना का उद्देश्य हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना था, परंतु अमनेरी ग्राम का यह उदाहरण बताता है कि अधिकारी और ठेकेदारों की लापरवाही से यह योजना जमीनी स्तर पर दम तोड़ती नजर आ रही है।

VIKASH SONI

Founder & Editor

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